Implementation of Old Pension Scheme by State Governments- Steps taken by PFRDA / राज्‍य सरकारों द्वारा पुरानी पेंशन योजना का कार्यान्‍वयन – पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा इस संबंध में उठाए गए कदम

Implementation of Old Pension Scheme by State Governments- Steps taken by PFRDA / राज्‍य सरकारों द्वारा पुरानी पेंशन योजना का कार्यान्‍वयन – पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा इस संबंध में उठाए गए कदम

Implementation of Old Pension Scheme by State Governments- Steps taken by PFRDA / राज्‍य सरकारों द्वारा पुरानी पेंशन योजना का कार्यान्‍वयन – पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा इस संबंध में उठाए गए कदम

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF FINANCE
DEPARTMENT OF FINANCIAL SERVICES
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LOK SABHA
UNSTARRED QUESTION NO: 671
ANSWERED ON: 6th FEBRUARY, 2023

OLD PENSION SCHEME

671. Shri Bhartruhari Mahtab

Will the Minister of Finance be pleased to state:-

(a) whether Old Pension Scheme (OPS) is being implemented in certain States of the country;
(b) if so, the details thereof and the reaction of the Government thereto;
(c) whether the impact of OPS is likely to have on the State Government’s exchequer;
(d) whether the additional financial burden due to OPS is likely to push the State Governments into the debt and if so, the details thereof and the reaction of the Government thereto; and
(e) the steps taken by Pension Fund Regulatory and Development Authority in this regard?

ANSWER

THE MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF FINANCE
(DR. BHAGWAT KARAD)

(a) to (e) The State Governments of Rajasthan, Chhattisgarh, Jharkhand, Punjab, and Himachal Pradesh have informed the Central Government/Pension Fund Regulatory and Development Authority (PFRDA) about their decision to restart Old Pension Scheme (OPS) for their State Government employees.

There is no provision under Pension Fund Regulatory and Development Authority Act, 2013 read along with PFRDA (Exits and Withdrawals under the National Pension System) Regulations, 2015, and other relevant Regulations, vide which the accumulated corpus of the subscribers viz Government contribution, Employees” contribution towards NPS along with accruals, can be refunded and deposited back to the State Government.

As per Reserve Bank of India’s report titled ‘State Finances: A Study of Budget of 2022-23’, the annual saving in fiscal resources that reversion to the old pension scheme entails, is short-lived. By postponing the current expenses to the future, States risk the accumulation of unfunded pension liabilities in the coming years.

भारत सरकार
वित्त मंत्रालय
वित्तीय सेवाएं विभाग

लोक सभा
अतारांकित प्रश्‍न संख्या 671

जिसका उत्तर 6 फरवरी, 2023/17 माघ, 1944 (शक) को दिया गया

पुरानी पेंशन योजना

671. श्री भर्तृहरि महताब:

क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) क्या देश के कतिपय राज्यों में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) कार्यान्वित की जा रही है;

(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इस पर सरकार की कया प्रतिक्रिया है;

(ग) क्‍या ओपीएस का राज्य सरकार के राजकोष पर प्रभाव पड़ने की संभावना है;

(घ) क्या ओपीएस के कारण अतिरिक्त वित्तीय भार से राज्य सरकारों के कर्ज में वृद्धि होने की संभावना है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इस पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया है; और

(ड.) पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा इस संबंध में क्या कदम उठाए गए हैं?

उत्तर

वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री (डॉ. भागवत कराड)

(क) से (ड.): राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने अपने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को पुनः आरंभ किए जाने के अपने निर्णय के बरे में केंद्रीय सरकार/पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को सूचित किया है।

पीएफआरडीए (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत निकास और प्रत्याहरण) विनियम, 2015 के साथ पठित पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2013 के अंतर्गत और अन्य संबंधित विनियमों के द्वारा एनपीएस में उपिचत राशि सहित अभिदाताओं के संचित कार्पस अर्थात्‌ सरकारी अंशदान और कर्मचारियों के अंशदान, दोनों को संग्रिहत किया जाता है, को राज्य सरकार को लौटाए जाने और उसे वापस जमा कराए जाने का कोई उपबंध नहीं है।

‘राज्य वित्त: 2022-23 के बजट का एक अध्ययन’ नामक भारतीय रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार पुरानी पेंशन योजना को अपनाने के कारण राजकोषीय संसाधनों में वार्षिक बचत अल्पावधिक होगी। वर्तमान व्यय को भविष्य के लिए स्थगित करने से राज्यों पर आने वाले वर्षो में गैर-वित्तपोषित पेंशन देयताओं के बढ़ने का जोखिम होगा।

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Source : Loksabha

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