एनपीएस के तहत उपदान (Gratuity) की सीमा पर नया स्पष्टीकरण: सैन्य सेवा, पुनर्नियोजन और पूर्व सेवा की गिनती से जुड़े महत्वपूर्ण प्रावधान
केंद्रीय सरकार द्वारा हाल ही में Central Civil Services (Payment of Gratuity under NPS) Amendment Rules, 2025 के नए नियम 4A में संशोधन जारी किया गया है। यह संशोधन राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत उपदान (Gratuity) भुगतान से संबंधित नियमों से संबंधित है, विशेष रूप से उन मामलों में जहाँ कर्मचारी को सैन्य सेवा के लिए अलग से उपदान मिला हो और बाद में नागरिक सेवाओं में पुनर्नियुक्ति हुई हो।
केंद्रीय सिविल सेवा (Payment of Gratuity under NPS) संशोधन नियम, 2025 का नियम 4A यह व्यवस्था करता है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी Superannuation Gratuity, Retiring Gratuity, Compulsory Retirement Gratuity या compassionate gratuity प्राप्त करने के बाद पुनः सरकारी सेवा में नियुक्त होता है, तो सामान्यतः उसे पुनर्नियोजन की अवधि के लिए अलग से उपदान (Gratuity) देय नहीं होगा। इस प्रावधान का उद्देश्य एक ही व्यक्ति को विभिन्न चरणों की सेवाओं के लिए बार बार उपदान देकर अधिकतम सीमा से ऊपर जाने की स्थिति को रोकना है।
इसके साथ ही नियम 4A में यह भी व्यवस्था है कि यदि कोई कर्मचारी किसी स्वायत्तशासी संस्था (Autonomous Body) या सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (PSU) से विधिवत अनुमति लेकर केंद्रीय सरकार में आता है और दोनों जगह उपदान (Gratuity) की व्यवस्था समान प्रकार की हो, तो उसे सरकार में की गई सेवा के लिए अलग से उपदान (Gratuity) मिल सकता है। ऐसी स्थिति में कुल देय उपदान (Gratuity) की राशि (स्वायत्तशासी संस्था/PSU + सरकार) उस अधिकतम राशि से अधिक नहीं हो सकती जो मानो पूरी सेवा केंद्र सरकार में ही की गई होती और अंतिम वेतन के आधार पर देय होती।
डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स’ वेलफेयर (DoPPW) ने 12.02.2020 के कार्यालय ज्ञापन संख्या 7/5/2012 P&PW(B) के माध्यम से उन कर्मचारियों के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए थे जिनकी सेवा राज्य सरकार, स्वायत्त निकायों अथवा अन्य संगठनों से केंद्रीय सरकार में स्थानांतरित हुई है। इन दिशा निर्देशों के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी राज्य सरकार तथा केंद्रीय सरकार दोनों से अलग अलग उपदान (Gratuity) प्राप्त करता है, तो दोनों सेवाओं के लिए कुल उपदान (Gratuity) की राशि उस सीमा से अधिक नहीं हो सकती जो उसे तब मिलती यदि वह पूरी अवधि में केंद्र सरकार में ही कार्यरत रहता और बाद की सेवा से सेवानिवृत्त होता।
इसी प्रकार, स्वायत्तशासी निकायों/PSU से NPS के साथ उपदान व्यवस्था वाले कर्मचारियों के केंद्र सरकार में आने पर उनकी पूर्व सेवा को उपदान के लिए गिना जा सकता है, बशर्ते कि वे उचित अनुमति के साथ त्यागपत्र देकर केंद्र सरकार में नियुक्त हुए हों। इसका उद्देश्य कर्मचारियों को गतिशीलता (mobility) के बावजूद सेवा निरंतरता के आधार पर न्यायपूर्ण उपदान (Gratuity) लाभ देना है, ताकि उनकी वास्तविक कुल सेवा का उचित प्रतिबिंब उपदान (Gratuity) में दिख सके।
इस कार्यालय ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य उन मामलों में स्पष्टता देना है, जहाँ कोई व्यक्ति पहले सैन्य सेवा में रहा हो, उसे सैन्य सेवा के लिए अलग से उपदान मिल चुका हो, और बाद में वह सिविल सेवाओं में पुनर्नियोजित होकर NPS के अंतर्गत कवर हो। ऐसे मामलों में यह प्रश्न उठ रहा था कि क्या नागरिक सेवा के लिए देय उपदान पर, पहले से प्राप्त सैन्य उपदान को ध्यान में रखते हुए कोई ऊपरी सीमा लागू होगी या नहीं।
नये स्पष्टीकरण के अनुसार, CCS (Pension) Rules, 2021 की तर्ज पर यह स्पष्ट किया गया है कि सैन्य सेवा के लिए मिलने वाला उपदान, बाद की नागरिक सेवा (चाहे वह CCS (Pension) Rules, 2021 के अंतर्गत हो या CCS (Payment of Gratuity under NPS) Rules, 2021 के अंतर्गत) की उपदान सीमा पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा। अर्थात, नागरिक सेवा की अवधि के लिए उपदान की गणना स्वतंत्र रूप से की जाएगी और इस पर सैन्य सेवा के उपदान से संबंधित कोई सीमा लागू नहीं होगी, जिससे पूर्व सैनिक कर्मचारियों के साथ न्यायसंगत व्यवहार सुनिश्चित होता है।
यह आदेश वित्त मंत्रालय, व्यय विभाग से परामर्श के बाद जारी किया गया है तथा भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग के कर्मचारियों पर इसकी अनुपालन योग्यता नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) से परामर्श के बाद स्पष्ट की गई है, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 148(5) में प्रावधान है। सभी मंत्रालयों/विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे इस OM की सामग्री को अपने मंत्रालय/विभाग तथा अधीनस्थ/संलग्न कार्यालयों में पेंशन एवं उपदान दावों से संबंधित कार्य देखने वाले अधिकारियों तक यथाशीघ्र पहुँचाएँ और कड़ाई से लागू करें।
प्रमुख बातें:
- सेवा पुस्तिकाओं में सैन्य सेवा, राज्य सरकार सेवा, स्वायत्त निकाय/PSU सेवा तथा केंद्रीय सेवा की प्रविष्टियाँ सुव्यवस्थित और प्रमाणित हों।
- उपदान (Gratuity) की गणना करते समय यह स्पष्ट रूप से दर्ज किया जाए कि कौन सी सेवा पर किस नियम के अंतर्गत उपदान देय है और कहाँ सीमा लागू होगी, तथा सैन्य सेवा के लिए प्राप्त उपदान (Gratuity) को नागरिक सेवा की सीमा से अलग रखा जाए।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। उपदान (Gratuity) भुगतान से संबंधित किसी भी आधिकारिक जानकारी के लिए कृपया भारत सरकार के संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट देखें। किसी भी प्रकार की गलत जानकारी के लिए लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। कृपया सभी जानकारी की पुष्टि आधिकारिक स्रोतों से अवश्य करें।


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