Defence related Industrial Establishment रक्षा क्षेत्र से संबंधित औदयोगिक प्रतिष्ठान: All the employees of OFB (Group A, B & C) would be transferred to DPSU on Deemed Deputation

Defence related Industrial Establishment रक्षा क्षेत्र से संबंधित औदयोगिक प्रतिष्ठान: All the employees of OFB (Group A, B & C) would be transferred to DPSU on Deemed Deputation

Defence related Industrial Establishment रक्षा क्षेत्र से संबंधित औदयोगिक प्रतिष्ठान: All the employees of OFB (Group A, B & C) would be transferred to DPSU on Deemed Deputation

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF DEFENCE
DEPARTMENT OF DEFENCE PRODUCTION
LOK SABHA
UNSTARRED QUESTION NO.2729
TO BE ANSWERED ON 4th August, 2021

DEFENCE RELATED INDUSTRIAL ESTABLISHMENTS

2729. SHRI T.R. BAALU:

Will the Minister of DEFENCE be pleased to state:

(a) whether the Government has decided to convert all the country’s departmental defence related industrial establishments including AVADI complex, Chennai, Heavy Alloy Penetrator Project and Small Arms Project, Trichy, etc. in Tamil Nadu into corporate entities;

(b) if so, the reasons for such an unprecedented move;

(c) whether such a radical change will not adversely affect the national security interests;

(d) if not, the safeguards proposed to ensure nation’s defence concerns; and

(e) whether the Government assure that the existing service conditions and rights of employees including pension and other retirement benefits will not be deprived of lakhs of employees of these departmental establishment and if so, the details thereof?

A N S W E R

MINISTER OF STATE (SHRI AJAY BHATT) IN THE MINISTRY OF DEFENCE

(a) & (b): To enhance functional autonomy, efficiency and unleash new growth potential and innovation in Ordnance Factories, the Government of India has decided to convert the production units of Ordnance Factory Board (OFB) into 07 Defence Public Sector Undertakings, including the production units of OFB located in Tamil Nadu.

(c) & (d): No, Sir. The Government has decided to grandfather the indents/orders pending with OFB post corporatisation to ensure continuity in supply of strategic arms and ammunition to the Services, MHA and others.

(e) The Government has assured safeguarding the interests of the employees of Ordnance Factory Board (OFB) post corporatization of OFB, inter-alia, in the following manner:-

(i) It has been decided that all the employees of OFB (Group A, B & C), belonging to the production units and also the non-production units being handed over to the new Defence Public Sector Undertakings (to be formed) would be transferred to these DPSU(s) on terms of foreign service without any deputation allowance (deemed deputation) initially for a period of two years from the appointed date.

(ii) All the employees of OFB Head Quarter, OFB New Delhi Office, OF Schools and OF Hospitals, would be transferred to the Directorate of Ordnance Factories (to be formed) under the Department of Defence Production, initially for a period of two years from the appointed date.

(iii) Till such time the employees remain on deemed deputation to the new entities, they shall continue to be subject to all rules and regulations as are applicable to the Central Government servants. Their pay scales, allowances, leave, medical facilities, career progression and other service conditions will also continue to be governed by the extant rules, regulations and orders, as are applicable to the Central Government servants.

(iv) The pension liabilities of the retirees and existing employees will continue to be borne by the Government.

*****

भारत सरकार
रक्षा मंत्रालय
रक्षा उत्पादन विभाग
लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संखया 2729
04 अगस्त, 2021 को उत्तर के लिए

रक्षा क्षेत्र से संबंधित औदयोगिक प्रतिष्ठान

2729. श्री टी.आर. बालू:

क्या रक्षा मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) कया सरकार ने तमिलनाडु में अवाडी परिसर, चेन्नई, हेवी अलॉय पेनेट्रेटर प्रोजेक्ट और स्मॉल आगमम्स प्रोजेक्ट, त्रिची आदि सहित देश के सभी विभागीय रक्षा संबंधित औदयोगिक प्रतिष्ठानों को कॉपोरिट संस्थाओं में बदलने का निर्णय लिया है;

(ख) यदि हां, तो ऐसे अभूतपूर्व कदम के पीछे क्या कारण हैं;

(ग) क्‍या इस तरह के बड़े परिवर्तन से राष्ट्रीय सुरक्षा हितों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा;

(घ) यदि नहीं, तो राष्ट्र की रक्षा चिंताओं के समाधान हेतु प्रस्तावित सुरक्षा उपाय क्‍या हैं; और

(ड) क्‍या सरकार यह आश्वासन देती है कि इन विभागीय प्रतिष्ठानों के लाखों कर्मचारी वर्तमान सेवा शर्तों, पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों सहित अपने अधिकार से वंचित नहीं होंगे और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा कया है?

उत्तर

रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री (श्री अजय भट॒ट)

(क) और (ख) : भारत सरकार ने आयुध निर्माणियों में कार्यात्मक स्वायत्तता, दक्षता को  बढ़ाने और नई विकास क्षमता और नवीनता लाने के लिए आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) की उत्पादन इकाइयों को, तमिलनाडु में स्थित ओएफबी की उत्पादन इकाइयों सहित, 07 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है |

(ग) और (घ): जी नहीं | सरकार ने सेनाओं, गृह मंत्रालय और अन्य को सामरिक हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए निगमीकरण के बाद आयुध निर्माणी बोर्ड के पास लंबित मांगपत्रों/आदेशों की देखरेख करने का निर्णय लिया है ।

(ड़) सरकार ने आयुध निर्माणी बोर्ड के निगमीकरण के बाद आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के कम॑चारियों के हितों की रक्षा, अन्य बातों के साथ-साथ, निम्नलिखित तरीके से सुनिश्चित की है:-

(i) यह निर्णय लिया गया है कि नए रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (गठित किए जाने वाले) को सौंपी जा रही उत्पादन यूनिटों और गैर-उत्पादन यूनिटों से संबंधित ओएफबी के सभी कर्मचारियों (ग्रुप क, ख और ग) को प्रारंभ में नियत तिथि से दो वर्ष की अवधि के लिए इन डीपीएसयू में अन्यत्र सेवा शर्तों पर बिना किसी प्रतिनियुक्ति भत्ता (मानित प्रतिनियुक्ति) अंतरित किया जाएगा |

(ii) ओएफबी मुख्यालय, ओएफबी नई दिल्‍ली कार्यालय, आयुध निर्माणी स्कूलों और आयुध निर्माणी अस्पतालों के सभी कर्मचारियों को नियत तिथि से प्रारंभ में दो वर्ष की अवधि के लिए रक्षा उत्पादन विभाग के अंतर्गत आयुध निर्माणी निदेशालय (गठित किए जाने वाले) को अंतरित किया जाएगा |

(iii) ऐसे समय तक जब ये कर्मचारी नई संस्थाओं में मानित प्रतिनियुक्ति पर रहेंगे, वे उन सभी नियमों और विनियमों के अधीन होंगे जो सरकारी कर्मचारियों पर लागू होते हैं | उनका वेतनमान, भत्ते, अवकाश, चिकित्सा सुविधाएं, करियर की प्रगति और अन्य सेवा शर्तें भी मौजूदा नियमों, विनियमों और आदेशों द्वारा शासित होंगे जो केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों पर लागू होते हैं ।

(iv) सेवानिवृत्त और मौजूदा कर्मचारियों की पेंशन देयताएं सरकार द्वारा वहन करना जारी रहेगा ।

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Source: Loksabha Q & A

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