सरकारी कामकाज में हिंदी का प्रयोग: राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3) और नियम-5 के संबंध में दिशानिर्देश 

सरकारी कामकाज में हिंदी का प्रयोग: राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3) और नियम-5 के संबंध में दिशानिर्देश 

सरकारी कामकाज में हिंदी का प्रयोग: राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3) और नियम-5 के संबंध में दिशानिर्देश

राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3(3) के अनुसार, सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने के लिए सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों का द्विभाषी (हिंदी और अंग्रेजी) रूप में जारी होना अनिवार्य है। हाल ही में केलोनिवि (CPWD) की राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक में यह स्पष्ट किया गया है कि सामान्य आदेश, परिपत्र, निविदा प्रारूप, संविदाएं और संसद के समक्ष रखे जाने वाले प्रतिवेदन जैसे समस्त कागजात अनिवार्य रूप से द्विभाषी होने चाहिए। यह एक सांविधिक जिम्मेदारी है, जिसका उल्लंघन प्रशासनिक त्रुटि माना जाएगा। इसके अतिरिक्त, राजभाषा नियम-5 के तहत यह अनिवार्य है कि हिंदी में प्राप्त होने वाले किसी भी पत्राचार का उत्तर अनिवार्य रूप से हिंदी में ही दिया जाए। विभाग के सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे त्रैमासिक हिंदी रिपोर्ट भरते समय आंकड़ों की शुद्धता सुनिश्चित करें और इन नियमों का शत-प्रतिशत अनुपालन करें, ताकि राजभाषा नीति के लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से प्राप्त किया जा सके।

फाइल स16/01/2025-हिंदी
भारत सरकार
महनिदेशालय
केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग
***

निर्माण भवन, नई दिल्‍ली
दिनांक: 16 दिसंबर, 2025

कार्यालय ज्ञापन

विषय: धारा 3(3) के अंतर्गत दस्तावेज अनिवार्य रूप से दविभाषी रूप में जारी करना और हिंदी में प्राप्त पत्रों का उत्तर हिंदी में ही दिए जाने के संबंध में ।

महानिदेशालय, केलोनिवि की दिनांक 24 सितंबर, 2025 को आयोजित विभागीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक में विशेष महानिदेशक (मुख्या.) के दवारा दिए गए निदेशानुसार तथा राजभाषा विभाग के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3(3) के अंतर्गत जारी सभी दस्तावेज अर्थात सामान्य आदेश (General Orders), संकल्प (Resolutions), परिपत्र (Circulars), नियम (Rules), अधिसूचनाएं (Notifications), प्रशासनिक या अन्य प्रतिवेदन (Administrative or other Reports), प्रेस विज़प्तियां (Press Communiques), संविदाएं (Contracts), करार (Agreements), अनुजप्तियां (Licenses), अनुज्ञापत्र (Permits), सूचनाएं (Notices), निविदा-प्रारूप (Tender Forms), संसद के समक्ष रखे जाने वाले प्रशासनिक और अन्य प्रतिवेदन तथा राजकीय कागज़ पत्र (Administrative and other reports and official papers to be laid before the Parliament) अनिवार्य रूप से दविभाषी रूप में जारी किए जाएं।

चूँकि उक्त धारा का अनुपालन करना एक सांविधिक दायित्व है अत: हिंदी रिपोर्ट भरते समय यह ध्यान रखें कि धारा 3(3) के अंतर्गत सही और शत-प्रतिशत द्विभाषी रूप में जारी दस्तावेज संबंधी ऑंकडे़ ही भरे जाएं।

साथ ही राजभाषा नियम-5 के अनुसार हिंदी में प्राप्त पत्रों का उत्तर हिंदी में ही दिया जाना है। अतः हिंदी में प्राप्त पत्रों का उत्तर हिंदी में ही दिया जाना सुनिश्चित करें।

(अर्चना रांगड़ा)
संयुक्त निदेशक(राजभाषा)
दूरभाष नं.: 011-23062788
ई-मेल: dgcpwdhindi[@]gmail.com

सेवा में,

  1. महानिदेशालय, के.लो.नि.वि. के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन सभी विशेष महानिदेशक, अपर
    महानिदेशक, मुख्य अभियंता, मुख्य अभियंता एवं कार्यकारी निदेशक, मुख्य वास्तुक, परिमंडल, मण्डल आदि कार्यालय।
  2. महानिदेशालय, के.लो.नि.वि. के सभी अनुभाग।

(अर्चना रांगड़ा)
संयुक्त निदेशक(राजभाषा)

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