आठवें वेतन आयोग के कार्यान्‍वयन पर लोकसभा में उठे सवाल: सरकार ने दिया स्पष्ट जवाब

आठवें वेतन आयोग के कार्यान्‍वयन पर लोकसभा में उठे सवाल: सरकार ने दिया स्पष्ट जवाब

आठवें वेतन आयोग के कार्यान्‍वयन पर लोकसभा में उठे सवाल: सरकार ने दिया स्पष्ट जवाब

नई दिल्ली, 24 दिसंबर 2025: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन संशोधन मामला हमेशा से ही एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। हाल ही में लोकसभा में चार सांसदों — श्री एन. के. प्रेमचन्द्रन, श्री तमिलसेल्वन थंगाः, डॉ. गणपथी राजकुमार पी. और श्री धर्मेन्द्र यादव द्वारा  उठाए गए एक लिखित प्रश्न में आठवें केंद्रीय वेतन आयोग (8th CPC) के गठन, कार्यान्वयन और संबंधित मुद्दों पर विस्तार से जानकारी मांगी गई थी।

प्रश्‍न का जवाब वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने दिया। आइए जानते हैं इस प्रश्न और सरकार द्वारा दिए गए उत्तर के प्रमुख बिंदुओं को।

पृष्ठभूमि:

लोकसभा में प्रश्न संख्या 1347 के तहत, सांसदों ने वित्त मंत्री से आठवें वेतन आयोग के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी मांगी। मुख्य सवाल निम्‍न थे –

(क) क्या सरकार 1 जनवरी 2026 से आठवें वेतन आयोग को लागू करने का विचार रखती है? यदि हां, तो विवरण और की गई कार्रवाई क्या है?

(ख) क्या आयोग के विचारार्थ विषयों (Terms of Reference-ToR) को अंतिम रूप दिया गया है, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन करेगा? यदि हां, तो विवरण क्या है, और यदि नहीं, तो कारण क्या हैं?

(ग) क्या 2026-27 के बजट में आयोग को लागू करने के लिए धनराशि आवंटित करने का विचार है? यदि हां, तो विवरण, की गई कार्रवाई और सरकारी खजाने पर कुल व्यय की संभावना क्या है?

(घ) क्या आयोग ने अपनी अंतिम सिफारिशें करने से पहले केंद्रीय सरकार के कर्मचारी संघों, पेंशनभोगी संघों और राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों से परामर्श किया है या कर रहा है? यदि हां, तो विवरण क्या है?

(ङ) आयोग के गठन और अन्य कार्यवाही की वर्तमान स्थिति क्या है? इससे लाभान्वित होने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की कुल संख्या कितनी है?

(च) क्या सरकार आयोग के कामकाज में देरी के कारण कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की शिकायतों पर विचार करेगी? यदि हां, तो विवरण क्या है?

(छ) आयोग अपनी सिफारिशें कब तक प्रस्तुत करेगा और सरकार उन्हें कब तक लागू करेगी?

ये सवाल केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति से जुड़े हैं, जो वेतन वृद्धि और भत्तों में संशोधन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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सरकार का जवाब:

वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने पूछे गए प्रश्न के विभिन्न भागों पर स्पष्ट जवाब दिया। वित्‍त मंत्री के जवाब की प्रमुख बातें निम्‍न हैं: –

वेतन आयोग का गठन और टीओआर पर: आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन पहले ही किया जा चुका है। इसके विचारार्थ विषयों (Terms of Reference-ToR) को 3 नवंबर 2025 को वित्त मंत्रालय द्वारा एक संकल्प के माध्यम से अधिसूचित कर दिया गया है। इससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन होगा।

लाभार्थियों की संख्या: केंद्र सरकार के कर्मचारियों की कुल संख्या लगभग 50.14 लाख है, जबकि पेंशनभोगियों की संख्या करीब 69 लाख है। ये आंकड़े आयोग की सिफारिशों से प्रभावित होने वाले लोगों की व्यापकता को दर्शाते हैं।

कार्यान्वयन की तारीख और बजट: आयोग की सिफारिशों के लागू होने की तारीख का निर्णय सरकार द्वारा बाद में लिया जाएगा। सरकार आयोग की स्वीकृत सिफारिशों को लागू करने के लिए आवश्यक निधियों का समुचित प्रावधान करेगी। हालांकि, आगामी वित्‍त वर्ष 2026-27 के बजट में विशिष्ट आवंटन या कुल व्यय की संभावना पर विस्तृत जानकारी नहीं दी गई।

परामर्श प्रक्रिया: आठवें वेतन आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करने के लिए अपनी कार्य-प्रणाली और क्रिया-विधि अपनाएगा। इसमें हितधारकों से परामर्श शामिल हो सकता है, लेकिन मंत्री ने स्पष्ट रूप से विवरण नहीं दिया कि यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है या चल रही है।

देरी और शिकायतें: मंत्री ने आयोग के गठन एवं Terms of Reference(ToR) जारी होने में देरी से संबंधित शिकायतों पर सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन आयोग के गठन की पुष्टि से संकेत मिलता है कि प्रक्रिया आगे बढ़ रही है।

सिफारिशों का समय: 3 नवंबर 2025 को अधिसूचित संकल्प के अनुसार, आयोग को इसके गठन की तारीख से 18 महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करनी हैं। इसका मतलब है कि सिफारिशें मई 2027 तक आ सकती हैं, हालांकि कार्यान्वयन की तारीख सरकार पर निर्भर करेगी।

आगे की राह: यह जवाब केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि आयोग का गठन हो चुका है और Terms of Reference-(ToR) अधिसूचित किया जा चुका है। हालांकि, कार्यान्वयन की सटीक तारीख और बजट आवंटन पर अनिश्चितता बनी हुई है। पूर्व वेतन आयोगों के अनुभव से पता चलता है कि सिफारिशें लागू होने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन इससे लाखों परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद है। कर्मचारी संघों ने आयोग की प्रक्रिया में पारदर्शिता और शीघ्रता की मांग की है। आने वाले महीनों में आयोग की कार्यवाही पर नजर रहेगी, क्योंकि यह न केवल केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकारों के वेतन संरचना को भी प्रभावित कर सकता है। कुल मिलाकर, यह डेवलप्‍मेंट केन्‍द्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत की खबर है, लेकिन पूर्ण कार्यान्वयन के लिए इंतजार बाकी है।

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