कर्मचारी पेंशन योजना-95: न्यूनतम पेंशन बढ़ाने पर कोई फैसला नहीं – लोकसभा में सरकार का जवाब
लोकसभा में श्रम और रोजगार मंत्रालय ने बताया कि कर्मचारी पेंशन योजना-1995 (ईपीएस-95) की न्यूनतम पेंशन को 7,500 रुपये प्रतिमाह बढ़ाने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसका कारण है निधि में बीमांकिक घाटा। सरकार फिलहाल 1,000 रुपये मासिक न्यूनतम पेंशन बजटीय सहायता से दे रही है। वहीं, पूरे देश में आयोजित डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 4.0 के तहत नवंबर 2025 में 46 प्रतिशत प्रमाणपत्र आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन से जारी किए गए। मंत्रालय ने यह भी बताया कि 2025 में पचास वर्ष की आयु से जल्दी पेंशन शुरू करने का कोई नया नियम लागू नहीं किया गया है।
भारत सरकार
श्रम और रोजगार मंत्रालय
लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संखया 1153
सोमवार, 08 दिसंबर, 2025 / 17 अग्रहायण, 1947 (शक)
पेंशनभोगी कल्याण और डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र
11153. श्री तेजस्वी सूर्याः
श्री कोंडा विश्वेश्वर रेडडीः
श्री आलोक शर्माः
श्री अनिल फिरोजियाः
श्री काली चरण सिंहः
श्री शंकर लालवानीः
श्री राजकुमार चाहरः
क्या श्रम और रोजगार मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
(क) कर्मचारी पेंशन योजना-95 (ईपीएस-95) न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपए प्रति माह करने के प्रस्ताव से जुड़ी अंतिम स्थिति का ब्यौरा क्या है;
(ख) राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान 4.0 का ब्योरा क्या है और आधार-आधारित चेहरा प्रमाणीकरण को बढ़ावा देने में इसकी उपयोगिता क्या है;
(ग) क्या सरकार ने पोर्टल पर आधार जैसे पेंशनभोगी रिकॉर्ड को अदयतन करने की प्रक्रिया को सरल बनाया है; और
(घ) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) सदस्यों के ल्रिए 50 वर्ष की आयु से शीघ्र पेंशन शुरू करने के संबंध में 2025 में लागू किए गए नए नियमों का ब्यौरा क्या हैं?
उत्तर
श्रम और रोजगार राज्य मंत्री
(सुश्री शोभा कारान्दलाजे)
(क): कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 एक “परिभाषित अंशदान-परिभाषित लाभ” सामाजिक सुरक्षा योजना है। कर्मचारी पेंशन निधि का कोष (1) नियोक्ता दवारा वेतन के 8.33 प्रतिशत की दर से अंशदान और (1) केंद्र सरकार द्वारा 1500/-रू. प्रतिमाह तक के वेतन के 1.16 प्रतिशत की दर से अंशदान से बनता है। योजना के तहत सभी लाभों का भुगतान ऐसी संचित निधि से किया जाता है। इस निधि का वार्षिक मूल्यांकन किया जाता है जैसा कि ईपीएस, 1995 के अनुच्छेद 32 के तहत अनिवार्य है और दिनांक 31.03.2019 तक निधि के मूल्यांकन के अनुसार, इसमें बीमांकिक घाटा है। सरकार पेंशनभोगियों को ईपीएस, 1995 के तहत 1000 रु. प्रतिमाह न्यूनतम मासिक पेंशन प्रदान कर रही है, जिसे बजटीय सहायता द्वारा वित्तपोषित किया जा रहा है, जो कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को प्रति वर्ष ईपीएस के तहत वेतन के 1.16 प्रतिशत की दर से प्रदान की जाने वाली बजटीय सहायता के अतिरिक्त है। भारत सरकार संबंधित निधियों की स्थिरता के साथ-साथ भविष्य की देनदारियों को ध्यान में रखते हुए ईपीएफओ द्वारा संचालित की जा रही ईपीएफ योजना, 1952, ईपीएस-95 और ईडीएलआई योजनाओं के माध्यम से, इन योजनाओं के सदस्यों को ठोस सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
(ख): पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीपीपीडब्ल्यू) दवारा देशव्यापी डीएलसी अभियान 4.0 आयोजित किया गया। ईपीएफओ ने भी इस अभियान में भाग लिया। अभियान अवधि के दौरान, आधार-आधारित फेस ऑर्थेटिकेशन को शिविरों और सोशल मीडिया के माध्यम से बढ़ावा दिया गया। परिणामस्वरूप, नवंबर 2025 के दौरान लगभग 46% डीएलसी आधार-आधारित फेस ऑर्थेटिकेशन के माध्यम से सृजित किए गए।
(ग): पेंशनभोगियों का आधार, जहाँ पहले से उपलब्ध न हो, डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र के सफलतापूर्वक अपडेट होते ही, ईपीएफओ डेटाबेस में सीड हो जाता है।
(घ): ऐसा कोई नियम वर्ष 2025 में त्रागू नहीं किया गया है। हालाँकि, यह सूचित किया जाता है कि कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के अनुच्छेद 12(7) के अनुसार, कोई सदस्य जब नौकरी छोड़ता है और पेंशन के लिए पात्र सेवा कर चुका होता है, यदि वह चाहे, तो उसे 58 वर्ष की आयु से पहले किसी तिथि से, परंतु 50 वर्ष की आयु से पूर्व नहीं, समयपूर्व पेंशन आहरित करने की अनुमति दी जा सकती है। ऐसे मामलों में, 58 वर्ष की आयु से कम प्रत्येक वर्ष के लिए पेंशन की राशि को चार प्रतिशत की दर से घटा दिया जाता है।
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